बिहार में रावड़ी देवी द्वारा आयोजित की गई इफ्तार पार्टी में 4 साल बाद पहुंचे सीएम नीतीश कुमार


पूर्व सीएम राबड़ी देवी की इफ्तार पार्टी में पहुंचे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री व राजद संस्थापक लालू प्रसाद यादव की धर्म पत्नी राबड़ी देवी ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था जिसमें बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी पहुंचकर राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी। विधानसभा चुनाव में आरोप-प्रत्यारोप से असहज रिश्तो के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 4 साल बाद यादव परिवार की इफ्तार पार्टी में पहुंचे थे। इसमें लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) के अध्यक्ष चिराग पासवान, भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन और अवधेश नारायण सिंह भी थे।

कहा गया है कि हीसा में भाई बैरी लगे और रण में लगे दाहिनी बांह


महाभारत में भगवान श्री कृष्ण ने कहा था कि यादवों को कोई परास्त करने वाला नहीं है, जबकि सत्ता के लिए आपसी कलाह और वर्चस्व की लड़ाई में महाभारत करा डाला। त्रेता में बाली और सुग्रीव का मामला सबके सामने है। त्रेता में ही महाबली विद्वान रावण और विभीषण की चर्चा सबने सुना होगा। यह तो त्रेता युग में मानव रूप में अवतार लेने वाले पुरुषों की बात थी। अब कलयुग है जहां सत्ता ही सब कुछ है। ऐसे में मान मर्यादा और पुरानी परंपराओं को लोग त्याग देते हैं। निज सुख प्राप्त करने के लिए सब कुछ भूलाकर कहां न बैठ जाए और कब गिरगिटान की तरह रंग न बदल दे इसको जान पाना बहुत ही कठिन है। इसमें किसी मानव का दोष नहीं है यह तो सिर्फ कलयुग के लक्षण है।

उधर शिवपाल सिंह यादव ने अपने बड़े भाई व पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव पर पहली बार निशाना साधा है। इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव में भले ही कितनी खटास पैदा हुई हो लेकिन शिवपाल सिंह यादव ने कभी भी अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के विरुद्ध कुछ भी बोलने से बचते रहे हैं।

शुक्रवार को शिवपाल सिंह यादव ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव यदि चाहते तो आजम खान जेल से बाहर होते। शिवपाल सिंह यादव ने इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने की बात कही। आजम खान और शिवपाल सिंह यादव की मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। शिवपाल सिंह यादव ने यही नहीं रुके कहां की यदि सपा गंभीर होती तो परिणाम कुछ और होते हैं नेता जी ने कुछ नहीं किया लोकसभा में बेबी मामला नहीं उठाया उनके नेतृत्व में पार्टी इस मामले पर धरना कर सकती थी सब लोग जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी मुलायम सिंह यादव का सम्मान करते हैं। यदि आजम खान के लिए धरना प्रदर्शन करते तो प्रधानमंत्री इस मामले का संज्ञान जरूर लेते। छोटे-छोटे मुकदमों में आजम खान को जेल के पीछे भेजा गया। सिर्फ एक केस में रिहाई होना बाकी है। इसके बाद भी सपा उनकी रिहाई पर ध्यान नहीं दे रही है। हम तो पहले से ही आजम खान के साथ है।


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