गरीब जनता को दिया जा रहा स्लो पाइजन, 80 पैसे फिर बढ़ाए गए Petrol और Diesel Price के दाम


 12 दिन में 7.20 पैसे की वृद्धि पेट्रोल और डीजल में हो गई। रोज 80 पैसे प्रति लीटर पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि कर सरकार गरीब जनता को स्लो प्वाइजन दे रही है। पेट्रोल डीजल के मूल्य बढ़ने के साथ ही रोजमर्रा की हर एक वस्तु पर मूल्य बढ़ गए हैं। यहां तक की जीवनरक्षक दवाओं के साथ ही कॉपी किताब में बढ़ोतरी हो गई है। इस बढ़ती महंगाई में गरीब जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। ऐसे समय में गरीब किसानों की हालत बद से बदतर हो गई है। आज किसान अपने बच्चों को पढ़ाने-लिखाने के साथ ही उनकी शादी बरात करने के लिए उसको बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।


किसानों द्वारा लिया गया Former KCC पर कर्ज चुकाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। 2017 में बीजेपी को पूर्ण बहुमत की सरकार गरीब जनता किसानों ने बनाई थी उसके बाद किसानों का केसीसी पर लिया गया कर्ज पहली कैबिनेट बैठक में ही किसान कर्ज माफी योजना का लाभ देकर कर्ज माफ किया गया था। इस बार भी 70 फीसद गरीब किसान उम्मीद लगाए बैठा था कि बीजेपी सरकार सत्ता में आएगी तो उनके द्वारा लिया गया केसीसी पर कर्ज माफ होगा, जिससे गरीब किसानों को काफी राहत मिलेगी। अब तो किसानों की उम्मीद नाम उम्मीद में बदल गई है। 70 फीसद गरीब किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है।

दूसरी तरफ तेल कंपनियों ने शनिवार को भी पेट्रोल और डीजल पर 80 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दिए हैं। गत 12 दिनों में यह दसवीं वृद्धि थी। इस अवधि में रु. 7.20 पैसे डीजल और पेट्रोल महंगे हो गए हैं। पेट्रोल और डीजल के साथ ही रसोई गैस में वृद्धि होने से चारों तरफ महंगाई में आग लग गई है जिससे गरीब मजदूर किसान आम आदमी सब परेशान है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान 1 दिन भी डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के मूल्य में वृद्धि नहीं की गई थी। उस समय सत्तारूढ़ दल को यह डर सता रहा होगा कि यदि इस समय पेट्रोल और डीजल के साथ है रसोई गैस के मूल्य में वृद्धि की जाएगी तो जनता का रुझान दूसरे राजनीतिक दलों की तरफ हो जाएगा और चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा।

Post a Comment

please do not comment spam and link

और नया पुराने