उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में केंद्रीय राज्य वित्त आयोग से होने वाले विकास कार्यों में संपर्क के रिश्तेदार सगे रिश्तेदार नातेदार के अलावा अन्य को सहयोगी (वेंडर) बनाने से रोक लगा दी है। विकास कार्य कराने वाले जिला पंचायत से लेकर प्रधानों को यह ध्यान रखना होगा कि शासन का आदेश शत-प्रतिशत लागू हो। जिसकी अनदेखी करने पर संबंधित संपर्क के सप्लायर अथवा ठेकेदार आदि का भुगतान मुश्किल हो जाएगा। जिसकी जवाबदारी संबंधित की होगी।
उक्त नियम के तहत जनपद के वित्त आयोग के अंतर्गत पीएफएमएस भिंडर के रूप में रजिस्टर्ड फार्म कंपनी की जांच कर ले और दिए गए निर्देशों को कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। अपर सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस बाबत डीएम रविंद्र कुमार और डीपीआरओ गिरीश चंद साहू को निर्देश दिए हैं।
उक्त मदो से काम कराने वालों पर निर्माण मटेरियल सामग्री के अलावा स्टेशनरी ईथन और अन्य सामग्री व सेवाओं की आपूर्ति होती है। नई व्यवस्था के लिए जरूरी है कि पंचायती राज विभाग से जुड़े पदाधिकारियों, कर्मियों और उनके रिश्तेदारों द्वारा बनाए गए फार्म, कंपनीज, आपूर्तिकर्ता वेंडर के रूप में कार्य न करें।
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