उत्तर प्रदेश सहित 16 राज्यों में बढ़ती गर्मी और कोयले की कमी से गहराया बिजली संकट, 10 घंटे तक बिजली में कटौती। इस प्रचंड गर्मी में लोग परेशान। राजनेता और अफसरों को गर्मी का एहसास इसलिए नहीं होता है क्योंकि वह तो ऐसी प्लांट और ऐसी गाड़ी में बैठते और सोते हैं। प्रचंड गर्मी में मांग विकास 2.14 लाख मेगावाट के करीब पहुंच गई है। इस दौरान बिजली उत्पादन संयंत्र में कोयले की कमी के कारण मांग के मुकाबले आपूर्ति में गंभीर कमी आई है। उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग अब 22000 मेगा वाट के आसपास है, जबकि उपलब्धता लगभग 18000 मेगावाट है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक रोस्टर के अनुसार बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
कहावत है कि का वर्षा भय जब कृषि सुखानी। अब क्या चाहते होत है जब चिड़िया चुग गई खेत। इन सब के बावजूद भी बीजेपी सरकार भविष्य की योजनाओं पर बहुत ही कम काम करती है। जब समस्या विकराल हो जाती है और लोग प्राइस राय करने लगते हैं तब बीजेपी के जिम्मेदार चुनाव मूड से बाहर आकर थोड़ा बहुत खाना करने के बाद फिर वही अपनी अनसुलझी उपलब्धियों का बखान करते हैं। अक्सर यह भी कहते हैं कि यह तो पिछले सरकारो की गलत नीतियों के कारण हुआ है।
अघोषित बिजली कटौती से पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी यूपी तक लोग कर रहे त्राहि-त्राहि: अखिलेश यादव
करोना महामारी आने से पहले कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए गए। यहां तक की अस्पतालों में ऑक्सीजन गैस, वेंटीलेटर, बेड और जीवन रक्षक दवाओं का आभाव हर पीड़ित परिवार ने देखा और जाना। यहां तक कि लोगों को अपने परिवारीजनों की जान बचाने के लिए 50,000 में ऑक्सीजन गैस का सिलेंडर खरीदा। अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी तक व्यवस्था नहीं हो पाई। इसके चलते गंगा जी सहित अन्य बड़ी नदियों में लोगों ने अपने परिजनों का अंतिम संस्कार किए बगैर लावारिस जैसे लाशों को फेंकने के लिए मजबूर हुए।
इसके बावजूद भी यह कहा गया कि हमारी सरकार ने कोरोना महामारी से अच्छी तरह लड़ी और विजय प्राप्त की। बिजली आपूर्ति में कमी होने को लेकर विपक्षी दलों के साथ ही कुछ लोगों ने यहां तक कहा कि पहले से ही कोयले का संकट और गर्मी आने को मालूम था तो व्यवस्था करने में देरी कैसे हो गई। हां यह तो वह जरूर कहते हैं कि बीजेपी चुनाव जीतने के लिए वर्षों पहले से योजना बनाने लगती है। 80 करोड़ जनता को 5 किलो राशन देकर इतना बड़ा एहसान कर दिया कि आने वाले 50 सालों तक भुनाने की उम्मीद लगा बैठी है। बीजेपी के जिम्मेदार नेता अपने मुंह मियां मिट्ठू बनते हैं।
उधर रेलवे विभाग में बिजली संकट देखते हुए मालगाड़ी की लदान और उसकी रफ्तार बढ़ा दी है। गुरुवार को माल गाड़ियों के 533 रैक में कोयले का लदान हुआ। इनमें से 427 रैक बिजली संयंत्रों तक कोयला पहुंचाने के लिए है। इनके जरिए 16.2 टन कोयला बिजली संयंत्रों में पहुंचेगा।
उधर ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि भीषण गर्मी से प्रदेश में बिजली की मांग अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। अन्य राज्यों में भी बिजली की घोषित कटौती शुरू हो गई है। प्रतिकूल परिस्थितियों में भी पावर कारपोरेशन प्रदेश में बिजली आपूर्ति सामान्य रखने और उपभोक्ताओं को अधिकतम आपूर्ति के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास रत हैं। मांग के अनुरूप बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। शहरों को यथासंभव कटौती से मुक्त रखने का प्रयास किया जा रहा है। बहुत जरूरत में आपात कटौती की जा रही है मांग पूरी करने के लिए अतिरिक्त बिजली खरीदने की कोशिश भी की जा रही है। ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ताओं और जनप्रतिनिधियों से सहयोग और बिजली की बचत करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि पावर कारपोरेशन ने 1 मई से लगभग 2000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का इंतजाम किया है । सिक्किम से 400 मेगावाट हाइड्रोपावर को व्यवस्था करने के अलावा बैंकिंग के जरिए मध्य प्रदेश से 325 मेगावाट और राजस्थान से 283 मेगा वाट बिजली मिलने को संभावना है। बिल्डिंग के जरिए भी 430 से 950 मेगावाट बिजली की व्यवस्था की जा रही है।
.jpeg)
.jpeg)

एक टिप्पणी भेजें
please do not comment spam and link